प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ये ज़रूर चेक करें
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ये ज़रूर चेक करें:
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे है तो नीचे दिए गए इन बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है जिससे आप बड़ी मुश्किल से बच सकते है। अगर आप इन बातों का ध्यान भी रखते है तो शायद आप बड़ी परेशानी में फंस सकते है और आपका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो सकता है।

आइए जानते है वो कौन कौन से चेक पॉइंट्स है।
🔐प्रॉपर्टी का लीगल डॉक्युमेंट्स:
1. RERA रजिस्ट्रेशन नंबर वैलिड होना चाहिए
RERA रजिस्ट्रेशन होने पे हम एक सुरक्षित निवेश मानते है।
2. बिल्डर की क्रेडिबिलिटी और पुराने प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता चेक करें
इससे हमें ये पता चलता है है कि बिल्डर ने जो कार्य पहले किया है उससे न्यू बॉयर को कोई समस्या नहीं है इससे विश्वास बढ़ता है की यह भी बिल्डर ने अच्छा कार्य किया है कोई समस्या नहीं आयेगी।
3. चेन ऑफ टाइटल डॉक्युमेंट्स क्लियर होनी चाहिए
इससे हमें ये पता चलता है कि कही हम गलत संपत्ति में तो नहीं निवेश कर रहे है क्या हम संपत्ति के मालिक से ही संपत्ति खरीद रहे है। अगर कोई डिस्प्यूट है तो पता चल जाएगा।
4. अप्रूव्ड बिल्डिंग मैप देखना जरूरी है
अप्रूव्ड मैप होने से हम ये सुनिश्चित करते है कि सुनियोजित और सुरक्षित निर्माण हुआ है और व्यवस्थित है बेड रूम, गेस्ट रूम वॉशरूम किचेन, शाफ़्ट सब कुछ अच्छे से बना है।
5. फायर डिपार्टमेंट का NOC
इससे हमें यह पता चलता है कि अग्नि से सुरक्षा को ध्यान में रख के निर्माण किया गया है।
6. पॉल्यूशन कंट्रोल अप्रूवल
निर्माण कार्य के समय किया गया कार्य और उसके पश्चात जब भवन में लोग रहने के लिए आते है तो पॉल्यूशन से बचा जा सके जैसे अपशिष्ट कूड़ा न जलाएं और इससे वातावरण दूषित होता है।
7. कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC)
इससे हम यह सुनिश्चित करते है कि सभी नियमों को ध्यान में रख के निर्माण कार्य किया गया है और रेसिडेंशियल या व्यावसायिक दोनों के लिए अनुकूल है या बहुत ही जरूरी दस्तावेज है।
8. ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (OC)
ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट एक बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट्स होता है इस डॉक्यूमेंट्स की हमें लोन लेने के टाइम भी जरूरत पड़ती है साथ ही इस डॉक्यूमेंट्स से ये सुनिश्चित होता है कि कानूनी, संरचनात्मक और सुरक्षा को ध्यान में रख के भवन निर्माण हुआ है।
9. कंस्ट्रक्शन क्वालिटी सर्टिफिकेट/कंपिटेंसी सर्टिफिकेट
जैसा कि नाम से पता लग रहा है सर्टिफिकेट से ये सुनिश्चित किया जाता है कि गुणवत्ता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य किया गया है।
10. बिल्डर का कोई बड़ा बैंक लोन ड्यू न हो (खुद छोटा लोन लें तो बैंक डॉक्युमेंट्स जांच लेगा)
कई बार बिल्डर बहुत ज्यादा लोन बैंक से ले लेते है परंतु लोन अदा नहीं करते है जिसकी वजह से भवन निर्माण में बहुत समस्याएं आती है और हमारे पैसे फंस जाते है और पोजेशन टाइम पे नहीं मिलता है।
11. लीज़ या फ्रीहोल्ड क्लैरिटी – लीज़ कितने साल की है, लीज़ अमाउंट कौन देगा
इससे हमें प्रॉपर्टी में अपने अधिकार का पता चलता है, लीज होल्ड में आपका केवल कुछ समय के लिए अधिकार होता है इसे दोबारा रिन्यू कराना पड़ता है। और फ्री होल्ड प्रॉपर्टी में पूर्ण अधिकार होता है इसमें हमें डबरा रिन्यू नहीं कराना पड़ता है।
ध्यान रखे कि कुछ भी बिल बकाया न हो जैसे बिजली, पानी, हाउस टैक्स इत्यादि।

🏢 प्रोजेक्ट से जुड़ी सुविधाएं:
12. जिम, गार्डन, पूल, मंदिर जैसी बेसिक सुविधाएं हैं या नहीं
13. क्लब हाउस उपलब्ध है क्या
14. डेडिकेटेड पार्किंग है या नहीं
15. 24×7 सिक्योरिटी और गार्ड्स की उपलब्धता
16. सेपरेट इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन हो तो बेहतर
17. बैकअप पावर सपोर्ट है या नहीं
18. वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट उपलब्ध है
19. प्रेशर रिड्यूसिंग सिस्टम बिल्डिंग में है या नहीं पानी के प्रेशर के लिए
20. सेपरेट वॉटर टैंक हर फ्लैट या विंग के लिए
21. किचन और वॉशरूम की वॉल शेयरिंग न हो तो बेहतर
22. छत की ऊँचाई 9 से 10 फीट होनी चाहिए
23. AC और किचन चिमनी लगाने के लिए जगह सही होना चाहिए
मुझे पूर्ण विश्वास है आप जब भी भवन खरीदेंगे इन बातों का जरूर ध्यान रखेंगे।