प्रोपर्टी से संबंधित स्टांप ड्यूटी क्यों जरूरी है
आइए हम समझते है प्रॉपर्टी से संबंधित स्टांप ड्यूटी क्या होता है
जब भी हम कोई प्रॉपर्टी जैसे प्लॉट फ्लैट, खरीदते है तो हमें स्टांप ड्यूटी देना पड़ता है, स्टांप ड्यूटी एक्ट 1899 सेक्शन 3 में कोई भी प्रॉपर्टी से रिलेटेड कोई भी ट्रांजेक्शन फाइनेंशियली करते है तो भारत सरकार के अंतर्गत करते है तो हमें भारत सरकार को टैक्स जमा करना पड़ता है स्टांप पेपर पे लिखे हुए बातों को कानून माना जाता है।

जब हम कोई प्रॉपर्टी खरीदते है तो उसके लिए हमें 3 से 8 पर्सेंट तक देना पड़ता है। आप को यह भी पता होगा कि जब हम कोई प्रॉपर्टी परचेस करते है तो सबसे पहले एक सेल डीड बनती है जो कि एक स्टांप पेपर पे ही बनता है। जिससे ये सुनिश्चित होता है कि हमारे पास एक वेलिड लीगल दस्तावेज है। स्टांप पेपर पे लीगल तरीके से लिखा होता है है जिससे भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा जाता है, यदि हम प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी नहीं जमा करते है तो भारत सरकार उसे इन्वालिड मानती है आप मूल रूप से प्रॉपर्टी के मालिक नहीं है।
अगर कोई महिला कोई संपत्ति खरीदते समय स्टांप ड्यूटी जमा करते है तो सरका उनको छूट भी देती है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 C के तहत रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प शुल्क पर 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट भी मिलता है।
सरकार स्टांप ड्यूटी क्यों लेती है।
हम गांव, शहर या महानगर में रहते है इन सब जगह की स्टांप ड्यूटी अलग अलग होता है। जो पैसा हम स्टांप ड्यूटी लेते समय सरकार को देते है उन्हीं पैसे से सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में इन्वेस्ट करता है। जैसे रोड, पानी बिजली हॉस्पिटल स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं में निवेश करता है।
स्टांप ड्यूटी कैसे मिलेगा
इसके लिए आपसे अनुरोध है कि राज्य के ट्रेज़री या मान्यता प्राप्त अधिकारी से ही खरीदे। क्योंकि आज कल कुछनलोग इसमें भी गलत स्टांप बेचते है। आज कल इ स्टांप की भी सुविधा है ये ऐसा इसलिए कि पहले जब हम कोई संपत्ति खरीदते थे तो हमें बहुत ढेर सारा पेपर मिलता था और सब पे साइन करना पड़ता था। इ स्टांप आ जाने से मात्र एक पेज लगता है।
स्टांप ड्यूटी क्यों जरूरी हैं
प्रोपर्टी खरीदते समय कुछ लोग थोड़ा पैसा बचाने के लिए पूरी स्टांप ड्यूटी भी नहा जमा करते है जैसे कि आप लोगों को पता होना चाहिए कि सर्कल रेट के हिसाब से स्टांप ड्यूटी जमा करना होता है।
आइए बताते है कि कैसे हर एक प्लॉट या फ्लैट या दुकान की अलग अलग वैल्युएशन होता है सर्कल रेट के हिसाब से लोग कम स्टांप ड्यूटी पे कर के प्लॉट फ्लैट या शॉप खरीद लेते है लेकिन बाद में कभी कभी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसे हम स्टांप की चोरी बोलते है जब सरकार इसकी वसूली करती है तो हमें शायद बहुत ज्यादा पैसा जमा करना पड़ता है जैसे सर्कल रेट के हिसाब से 10 गुना ज्यादा तो प्रॉपर्टी लेने से पहले जरूर पता करले।
यहां मै आपको एक बात और बताना चाहूंगा कि मान लीजिए कि कोई प्लॉट ले रहे है और उस प्लॉट में पहले से ही एक छोटा सा कमरा कुछ पेड़ पौधे भी अगर है तो जरूर बताइए अगर हम नहीं बताते तो यह भी एक तरह की स्टांप ड्यूटी ना पे करने के बराबर है।
स्टांप ड्यूटी कई प्रकार के होते है
स्टांप ड्यूटी कुछ इस प्रकार के है जैसे सेल, गिफ्ट , संपत्ति का ट्रांसफर करना, संपत्ति बेचने के लिए समझौता, मॉर्टगेज या संपत्ति गिरवी रखने के लिए, लीज एग्रीमेंट और अगर कोई बंटवारा होता है तो उसके लिए पार्टिशन एग्रीमेंट ड्यूटी लगता है।
किसी भी लीगल एडवाइजर से जरूर संपर्क करे और सुनिश्चित और व्यवस्थित निवेश करे थोड़ा पैसा बचाने के चक्कर में जिंदगी की पूरी कमाई भी जा सकती है।
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